अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में ओपिनियन पोल्स क्यों हो गये बुरी तरह से फेल? ट्रंप के खिलाफ अभियान या गलत अनुमान?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद जब एग्जिट पोल आने शुरू हुए, उस वक्त तक भी अमेरिकी मीडिया में जोरशोर से दावे किए गये, कि डोनाल्ड ट्रंप हार रहे हैं और कमला हैरिस, अमेरिका की अगली राष्ट्रपति बनने वाली हैं।

लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप ने सभी ओपिनियन पोल्स को गलत बताते हुए काफी आसानी से कमला हैरिस को पराजित कर दिया और सट्टा बाजार के अनुमानों को सही साबित किया, जिसने डोनाल्ड ट्रंप के जीतने का अनुमान करीब 55 प्रतिशत से ज्यादा और कमला हैरिस के जीतने की अनुमान करीब 45 प्रतिशत लगाया था।

अमेरिकी मीडिया और एजेंसियों के ओपिनियन पोल्स में सात स्विंग स्टेट्स में से कम से कम 5 में कमला हैरिस को आखिर आखिर तक आगे दिखाया गया, जबकि दो स्विंग स्टेट में ट्रंप के जीतने की भविष्यवाणी की गई, लेकिन चुनावी रिजल्ट से पता चला है, कि सातों स्विंग स्टेट में ट्रंप ने एकतरफा जीत हासिल की है। अधिकांश पोलस्टर्स ने लोकप्रिय वोट में कमला हैरिस और ट्रंप के बीच कम अंतर की भविष्यवाणी की थी और लगभग सभी ने कमला हैरिस को आगे दिखाया था। लेकिन, अंत में पता चला है, कि 50 लाख से ज्यादा के वोटों के अंतर से ट्रंप ने कमला हैरिस को हराया है, जो अमेरिकी इलेक्शन के नतीजों के हिसाब से प्रचंड जीत है और आखिरी बार 1988 में रिपब्लिकन पार्टी के ही जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश ने इतने वोटों से जीत हासिल की थी।

कुल मिलाकर, डोनाल्ड ट्रंप ने 301 इलेक्टोरेल कॉलेज वोट हासिल किए हैं, जबकि राष्ट्रपति बनने के लिए 270 इलेक्टोरेल कॉलेज वोटों की जरूरत होती है। हालांकि अभी तक स्विंग स्टेट एरिजोना और नेवादा के आखिरी नतीजे जारी नहीं किए गये हैं और अगर इन दोनों राज्यों को भी जोड़ दें, तो ट्रंप के पास 312 इलेक्टोरेल कॉलेज वोट होंगे, जो बताता है, कि उनकी जीत कितनी प्रचंड है।

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