संवाददाता- सतेंद्र गुप्ता
मनेंद्रगढ़/एमसीबी
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है, जहां विभाग के ही कर्मचारी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। कार्यालय में लगा RO सिस्टम लंबे समय से ख़राब पड़ा है, लेकिन अधिकारियों को इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। जब इस मुद्दे पर एसडीओ ओंकार सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने न सिर्फ इसे नजरअंदाज किया, बल्कि बात करने पर भड़क भी उठे।
जब अपने ही कार्यालय में सुविधा नहीं, तो आम जनता का क्या होगा?
यदि अधिकारी अपने ही विभाग में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, तो पूरे विकासखंड में खराब पड़े सैकड़ों हैंडपंपों की सुध कौन लेगा? ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के बजाय मीडिया से बचने और जवाब देने से कतराने में लगे हुए हैं।
खराब पड़े हैंडपंप, पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण
मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में सैकड़ों हैंडपंप लंबे समय से ख़राब पड़े हैं। गर्मी का मौसम आते ही ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है, लेकिन PHE विभाग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। लोग गंदे तालाबों और दूरदराज के कुओं से पानी लेने को मजबूर हैं, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
अधिकारी की बेरुखी, कर्मचारियों की परेशानी
RO ख़राब होने के कारण PHE विभाग के ही कर्मचारी गंदा और अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन जब इस समस्या को लेकर एसडीओ ओंकार सिंह से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो वे नाराज हो गए और समस्या के समाधान की कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
जनता को कब मिलेगा राहत?
मनेंद्रगढ़ के आम लोगों को शुद्ध पेयजल कब मिलेगा, इसका जवाब देने को कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है। PHE विभाग की यह लापरवाही न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए चिंता का विषय है। सवाल उठता है कि जब खुद विभाग के कर्मचारी ही गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, तो क्या अधिकारी आम जनता के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था कर पाएंगे?